बिना घर खरीदे भी बन सकते हैं मालिक: REITs और Fractional Ownership से नई कमाई का रास्ता

भारत में लोग हमेशा से रियल एस्टेट यानी ज़मीन–मकान में निवेश को सबसे सुरक्षित मानते आए हैं। लेकिन हकीकत यह है कि 99% लोग सोचते हैं कि प्रॉपर्टी खरीदने के लिए करोड़ों की पूंजी चाहिए, जबकि आज ऐसी निवेश योजनाएँ मौजूद हैं जिनसे आप बिना घर खरीदे भी मालिक बन सकते हैं। यही राज़ है – REITs (Real Estate Investment Trusts), Fractional Ownership और Real Estate Mutual Funds।

इस ब्लॉग में हम आसान भाषा में समझेंगे कि ये क्या हैं, कैसे काम करते हैं और एक आम निवेशक इनमें कैसे शामिल होकर फायदा उठा सकता है।

1. REITs क्या हैं और कैसे काम करते हैं?

REITs (Real Estate Investment Trusts) बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस, मॉल्स, IT पार्क या कमर्शियल बिल्डिंग्स में निवेश करते हैं और फिर उससे होने वाले किराये का हिस्सा छोटे निवेशकों को बाँटते हैं। ये शेयर की तरह ही स्टॉक एक्सचेंज (NSE/BSE) पर लिस्टेड होते हैं।

आप REITs को अपने Demat Account से खरीद सकते हैं।

जितने यूनिट्स आप खरीदेंगे, उतना हिस्सा आपका होगा।

हर तिमाही (3 महीने) पर आपको डिविडेंड यानी किराये का हिस्सा मिलता रहेगा।

👉 आसान शब्दों में, जैसे आप शेयर खरीदकर कंपनी के हिस्सेदार बनते हैं, वैसे ही REITs खरीदकर आप प्रॉपर्टी के मालिक बन जाते हैं।

2. Fractional Ownership – छोटी रकम में बड़ी प्रॉपर्टी

मान लीजिए किसी कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमत ₹50 करोड़ है। अकेला व्यक्ति तो इसमें निवेश नहीं कर पाएगा, लेकिन Fractional Ownership के जरिए कई निवेशक मिलकर इसमें हिस्सेदारी ले सकते हैं।

  • PropShare, Strata, hBits जैसे प्लेटफ़ॉर्म इस सुविधा देते हैं।
  • आप ₹10 लाख, ₹5 लाख या कभी-कभी ₹25,000 से भी शुरुआत कर सकते हैं।
  • प्रॉपर्टी से होने वाला किराया और अंत में बेचने से होने वाला मुनाफा सभी निवेशकों में बाँट दिया जाता है।

👉 इसे ऐसे समझिए — जैसे दोस्त मिलकर कोई दुकान खोलें और फिर उसके मुनाफे को बाँट लें।

3. Real Estate Mutual Funds

अगर आपको खुद प्रॉपर्टी चुनने का झंझट नहीं चाहिए तो आप Real Estate Mutual Funds चुन सकते हैं।

  • इसमें आपका पैसा म्यूचुअल फंड कंपनियाँ बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाती हैं।
  • प्रोफेशनल्स रिस्क और रिटर्न का ध्यान रखते हैं।
  • आप छोटे निवेश (SIP या lump sum) से शुरुआत कर सकते हैं।

4. Airbnb और Holiday Homes Model

आजकल कुछ प्लेटफ़ॉर्म ऐसे मॉडल भी लाए हैं जिसमें आप छोटे निवेश से किसी हॉलिडे होम या फ्लैट में हिस्सा ले सकते हैं।

  • जब भी वह किराये पर जाता है (Airbnb जैसी साइट्स पर), उसका किराया आपके हिस्से के अनुसार बाँटा जाता है।
  • यह मॉडल पैसिव इनकम यानी सोते-सोते कमाई का बेहतरीन जरिया बन सकता है।

Quick Guide: बिना घर खरीदे भी मालिक कैसे बनें

  • REITs → शेयर की तरह स्टॉक मार्केट से खरीदें, हर 3 महीने में किराये का हिस्सा।
  • Fractional Ownership → बड़े ऑफिस/मॉल में हिस्सा खरीदें, किराया + मुनाफा दोनों पाएँ।
  • Real Estate Mutual Funds → छोटे निवेश से बड़े प्रोजेक्ट्स में अप्रत्यक्ष निवेश।
  • Holiday Homes Model → Airbnb जैसी बुकिंग्स से पैसिव इनकम।

5. फायदे क्या हैं?

  1. कम पैसे से शुरुआत – घर खरीदने में करोड़ों चाहिए, यहाँ हज़ारों/लाखों से शुरुआत।
  2. नियमित आमदनी – किराये के रूप में हर महीने या तिमाही इनकम।
  3. Liquidity (बेचना आसान) – REITs को आप शेयर की तरह कभी भी बेच सकते हैं।
  4. Diversification – सिर्फ एक घर या प्लॉट पर निर्भर नहीं रहना पड़ता, अलग–अलग प्रॉपर्टीज़ में हिस्सा।
  5. Professional Management – प्रॉपर्टी के झंझट (किरायेदार, मरम्मत, रजिस्ट्री) सब मैनेजमेंट देखता है।

6. किन बातों का ध्यान रखें?

  • निवेश से पहले प्लेटफ़ॉर्म और कंपनी की विश्वसनीयता जाँचें।
  • REITs या Fractional Ownership में भी मार्केट रिस्क होता है, इसलिए सोच-समझकर निवेश करें।
  • लंबी अवधि (3–5 साल या उससे ज्यादा) का दृष्टिकोण रखें।
  • निष्कर्ष
  • अब समय आ गया है कि हम निवेश को सिर्फ “प्लॉट खरीदना या फ्लैट लेना” तक सीमित न रखें। बिना घर खरीदे भी मालिक बनने के ये तरीके (REITs, Fractional Ownership, Real Estate Mutual Funds, Holiday Homes Model) आने वाले समय में निवेश की मुख्य धारा बन सकते हैं।
  • 👉 याद रखिए, सही जानकारी और सही समय पर सही कदम आपको वित्तीय आज़ादी के करीब ले जाते हैं।

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