🪔 कार्तिक पूर्णिमा 2025: ऐसा करें कि मिले पूरे कार्तिक मास के गंगा स्नान का शुभ फल 🕉️

📅 तिथि: 5 नवंबर 2025 (बुधवार)
🕰️ पूर्णिमा तिथि: 4 नवंबर 2025 रात 10:36 से 5 नवंबर 2025 शाम 6:48 तक
🌕 पर्व: कार्तिक पूर्णिमा / त्रिपुरी पूर्णिमा / देव दीपावली
🌊 विशेषता: इस दिन किया गया एक स्नान, दान, दीपदान और व्रत पूरे कार्तिक मास के गंगा स्नान के समान फल देता है।
🌼 1. कार्तिक पूर्णिमा का दिव्य महत्त्व
कार्तिक मास को शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ और पवित्र महीना माना गया है। इस पूरे महीने में गंगा स्नान, दान और दीपदान का विशेष फल मिलता है।
मगर जो लोग पूरे महीने यह नहीं कर पाते, उनके लिए कार्तिक पूर्णिमा का दिन सबसे शुभ माना गया है।
इस दिन का एक स्नान, एक दीप और एक दान — पूरे कार्तिक मास के पुण्यफल के समान है।
🌅 2. स्नान का शुभ समय और विधि

🕘 स्नान मुहूर्त (सामान्य):
👉 ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:45 बजे से 5:45 बजे तक) — गंगा या किसी पवित्र जल में स्नान करें।
यदि नदी न हो तो घर के स्नान जल में गंगाजल या तुलसी पत्र मिलाएँ।
✨ स्नान मंत्र:
“गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
नर्मदे सिंधु कावेरी जलेऽस्मिन् संनिधिं कुरु॥”
📿 मान्यता:
जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा से स्नान करता है, उसे पूरे कार्तिक मास के गंगा स्नान का पुण्य फल प्राप्त होता है।
🪔 3. दीपदान का महत्त्व
कार्तिक पूर्णिमा की रात को देव दीपावली कहा जाता है, जब देवता स्वयं पृथ्वी पर उतरकर दीपों का दर्शन करते हैं।

घर में दीपदान विधि:
- तुलसी के पास घी का दीपक जलाएँ।
- घर के आँगन, मंदिर और जल स्रोतों पर दीप जलाएँ।
- संभव हो तो नदी या तालाब में तैरता दीप (दीपदान) करें।
💫 मान्यता है कि दीपदान से पाप नष्ट होते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
🕉️ 4. भगवान विष्णु एवं शिव पूजन
विष्णु पूजा:
- पीले वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु को तुलसी पत्र, पीले फूल और खीर का भोग लगाएँ।
- मंत्र: “ॐ नमो नारायणाय” का 108 बार जाप करें।
शिव पूजन:
- शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र चढ़ाएँ।
- रुद्राष्टक या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
👉 इस दिन विष्णु और शिव दोनों की उपासना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🧘♀️ 5. व्रत, दान और जप का फल

व्रत: फलाहार या केवल जल से व्रत रख सकते हैं।
दान:
- गाय, तिल, घी, अन्न, वस्त्र, दीप, भूमि या स्वर्ण का दान शुभ माना गया है।
- दान के समय यह कहें: “देवो भव।”
जप: - “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
👉 कहा गया है कि इस दिन किया गया दान व जप हजारों गुना फल देता है।
🌿 6. घर में करें ये शुभ कार्य
- तुलसी माता की विधिवत पूजा करें।
- सूर्यास्त के बाद दीप जलाकर भगवान का ध्यान करें।
- घर के आँगन या बालकनी में दीप सजाएँ।
- जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दें।
✨ इन कार्यों से पूरे कार्तिक मास के गंगा स्नान और दीपदान के बराबर पुण्य मिलता है।
🔱 7. धार्मिक कथा और मान्यता

पुराणों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर पृथ्वी को प्रलय से बचाया था।
साथ ही, भगवान शिव ने इस दिन त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया, जिससे त्रिपुरी पूर्णिमा नाम पड़ा।
“कार्तिके पूर्णिमायां तु स्नानदानजपादिकम्।
यद् कुर्याद् भक्तियुक्तोऽसौ मुक्तो भवति कर्मभिः॥”
👉 अर्थात जो भक्त कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और जप करता है, वह जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्त होता है।
🌸 निष्कर्ष: एक दिन, अनंत पुण्य
यदि आप पूरे कार्तिक मास में गंगा स्नान या दीपदान नहीं कर पाए हैं,
तो केवल 5 नवंबर 2025 को श्रद्धा से किया गया स्नान, दीपदान और पूजा आपको पूरे कार्तिक मास के पुण्यफल के समान फल देगा।
✨ इस दिन का एक दीप — अंधकार को मिटाकर जीवन में दिव्यता भर देता है।
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