सोलर पैनल इंस्टॉलेशन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
सोलर सिस्टम कैसे काम करता है?

सोलर पैनल इंस्टॉलेशन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. सोलर पैनल से ऊर्जा उत्पादन
- सोलर पैनल (Solar PV Panels) सूर्य की रोशनी को DC (Direct Current) बिजली में बदलते हैं।
- पैनल के अंदर Photovoltaic cells होते हैं, जो सूर्य की रोशनी को पकड़कर बिजली बनाते हैं।
2. इन्वर्टर (Inverter) की भूमिका
- पैनल से निकली हुई DC बिजली सीधे घर में काम नहीं आती, क्योंकि हमारे घर के उपकरण AC (Alternating Current) पर चलते हैं।
- इन्वर्टर DC को AC में बदल देता है।
👉 यानी पंखा, फ्रिज, टीवी, मोटर आदि चलाने लायक बिजली।
3. बैटरी (Battery Backup)
- अगर सोलर सिस्टम में बैटरी लगी है तो दिन में बनी अतिरिक्त बिजली बैटरी में स्टोर होती है।
- रात में या बिजली कट जाने पर वही बैटरी काम आती है।
- इसे Hybrid Solar System कहते हैं।
4. Net Meter (Grid से कनेक्शन)
- अगर सिस्टम On-Grid है तो यह बिजली सीधे आपके घर और बिजली बोर्ड (Grid) दोनों से जुड़ा होता है।
- दिन में ज़्यादा बिजली बने तो वो ग्रिड में भेज दी जाती है और उसके बदले में आपको बिजली बिल में क्रेडिट (Solar Net Metering) मिलता है।
- रात में अगर ज़रूरत हो तो आप ग्रिड से बिजली ले सकते हैं।
2. सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की कीमत कितनी होती है?
भारत में सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की कीमत लगभग ₹60,000 से ₹70,000 प्रति 1 KW होती है। सब्सिडी मिलने के बाद यह कीमत लगभग 30-40% तक कम हो जाती है।
3. एक घर के लिए कितने KW का सोलर पैनल चाहिए?
- छोटे घर के लिए: 2–3 KW
- मध्यम घर के लिए: 3–5 KW
- बड़े घर या ऑफिस के लिए: 5–10 KW
4. क्या सोलर पैनल लगाने पर सरकारी सब्सिडी मिलती है?
हाँ ✅ भारत सरकार और राज्य सरकारें 30%–40% तक सब्सिडी देती हैं। इसके लिए आपको रजिस्टर्ड वेंडर या डिस्कॉम से आवेदन करना होता है।
5. सोलर पैनल की लाइफ कितनी होती है?
एक अच्छे क्वालिटी का सोलर पैनल लगभग 20–25 साल तक चलता है। बस इसकी सालाना साफ-सफाई और हल्की-फुल्की मेंटेनेंस ज़रूरी होती है।
6. क्या सोलर पैनल बारिश या बादल वाले मौसम में भी बिजली बनाता है?
हाँ, लेकिन उत्पादन कम हो जाता है। धूप जितनी तेज होगी, पैनल उतनी ज्यादा बिजली बनाएगा। बादल और बरसात में उत्पादन 30–40% तक कम हो सकता है।
7. क्या सोलर पैनल से बनी बिजली को बेच सकते हैं?

हाँ ✅ नेट मीटरिंग सिस्टम के जरिए आप अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेच सकते हैं और बिजली कंपनी से क्रेडिट या पैसा प्राप्त कर सकते हैं।
8. सोलर पैनल इंस्टॉलेशन का बिज़नेस कैसे शुरू करें?
आप Solar EPC Company शुरू कर सकते हैं। इसमें साइट सर्वे, पैनल इंस्टॉलेशन और मेंटेनेंस की सर्विस दी जाती है। सरकार भी इस सेक्टर में स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे रही है।
9. सोलर सिस्टम के प्रकार
- On-Grid Solar System
- बिजली ग्रिड से जुड़ा रहता है।
- बैटरी की ज़रूरत नहीं।
- बिजली बिल कम करने के लिए सबसे अच्छा।
- Off-Grid Solar System
- सिर्फ बैटरी और पैनल से चलता है।
- ग्रिड से कोई कनेक्शन नहीं।
- गाँव या बिजली न होने वाले इलाकों के लिए उपयोगी।
- Hybrid Solar System
- बैटरी + ग्रिड दोनों से जुड़ा।
- सबसे एडवांस्ड और भरोसेमंद सिस्टम।
✅ सोलर सिस्टम से क्या फायदे हैं?
- बिजली बिल में बचत
- बिजली कटने पर बैकअप
- पर्यावरण के लिए अच्छा (ग्रीन एनर्जी)
- एक बार लगाने के बाद 20–25 साल तक काम करता है
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