जीएसटी 2.0 भारत : नए 5%, 18% और 40% स्लैब की पूरी जानकारी (22 सितम्बर 2025 से लागू)

भारत ने 2025 में अपना नई जीएसटी संरचना लागू कर दी है। अब चार मुख्य श्रेणियाँ होंगी:

जीएसटी 2.0 भारत : नए 5%, 18% और 40% स्लैब की पूरी जानकारी (22 सितम्बर 2025 से लागू)

  • 0% स्लैब – आवश्यक वस्तुएँ (कर-मुक्त)
  • 5% स्लैब – आम उपभोग की वस्तुएँ व सेवाएँ
  • 18% स्लैब – मानक वस्तुएँ व सेवाएँ
  • 40% स्लैब – विलासिता और हानिकारक वस्तुएँ (Luxury & Sin Goods)
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  • भारत में नए जीएसटी रेट (2025) जानें। कौन-सी चीज़ें सस्ती हुईं, क्या कर-मुक्त है और क्या 40% स्लैब में आता है। पूरी सूची, फायदे-नुकसान और असर।
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भारत का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) 2017 से लागू हुआ और तब से इसमें कई बदलाव किए गए। लेकिन 4 सितम्बर 2025 को घोषित सुधार सबसे बड़ा माना जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने टैक्स ढांचे को सरल बनाते हुए 4 से अधिक स्लैब हटाकर सिर्फ तीन मुख्य दरें रखीं—5%, 18% और 40% (लक्ज़री/हानिकारक वस्तुएँ)

यह ऐतिहासिक निर्णय 22 सितम्बर 2025 (नवरात्रि का पहला दिन) से लागू होगा और इसे “GST 2.0” कहा जा रहा है। इसका उद्देश्य महँगाई घटाना, खपत बढ़ाना और अनुपालन आसान बनाना है।

लेकिन आम उपभोक्ता, व्यापारी और उद्योग जगत पर इसका क्या असर होगा? आइए विस्तार से समझें।

नए जीएसटी रेट सिस्टम की अहमियत

सरल ढांचा – पहले की तुलना में अब ज़्यादातर वस्तुएँ सिर्फ 2 दरों (5% और 18%) में आएँगी।
सस्ती ज़रूरतें – खाने-पीने की चीज़ें, दवाइयाँ, साबुन-शैम्पू, बीमा और साइकिल पर अब 0% या 5% जीएसटी।
मांग में बढ़ोतरी – अर्थशास्त्रियों के अनुसार महँगाई 1% तक घटेगी और त्योहारी सीज़न में बिक्री तेज़ होगी।
एमएसएमई और किसान लाभार्थी – कृषि उपकरण और छोटे व्यवसाय की आपूर्ति अब सस्ती होगी।
सरकार के लिए चुनौती – शुरुआत में लगभग ₹48,000 करोड़ का राजस्व घाटा होगा, लेकिन बढ़ी खपत से इसकी भरपाई हो सकती है।

नए जीएसटी दरों का विस्तार

5% जीएसटी स्लैब (आम उपभोग की वस्तुएँ/सेवाएँ)

  • साबुन, टूथपेस्ट, पैकेज्ड फूड, शैम्पू
  • डेयरी उत्पाद: मक्खन, पनीर, आइसक्रीम, UHT दूध
  • आवश्यक दवाइयाँ और मेडिकल उपकरण
  • जीवन व स्वास्थ्य बीमा
  • सैलून, जिम और योग सेवाएँ
  • ₹7,500/रात तक के होटल
  • कृषि उपकरण और सिंचाई पंप
  • स्कूल स्टेशनरी, किताबें, कॉपी
  • साइकिल और पार्ट्स

18% जीएसटी स्लैब (मानक दर)

  • टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएँ: एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी
  • वाहन: छोटी कारें (पेट्रोल ≤1200cc, डीज़ल ≤1500cc, लंबाई ≤4m), 350cc तक की बाइक, ऑटो
  • सीमेंट व निर्माण सामग्री
  • इलेक्ट्रॉनिक्स व उपकरण (5% श्रेणी से बाहर)

40% जीएसटी स्लैब (लक्ज़री और हानिकारक वस्तुएँ)

  • तंबाकू, सिगरेट, गुटखा, पान मसाला
  • कार्बोनेटेड व एनर्जी ड्रिंक
  • लक्ज़री कारें, एसयूवी और हाई-एंड बाइक्स
  • कैसीनो, ऑनलाइन बेटिंग, लॉटरी, गैर-मान्यता प्राप्त आईपीएल-टिकट
    👉 यह स्लैब पुराने 28% + सेस मॉडल की जगह एक फ्लैट 40% टैक्स से लागू किया गया है।

प्रभावी तिथि और अपवाद

  • नई दरें 22 सितम्बर 2025 से लागू होंगी।
  • अपवाद: तंबाकू और इससे संबंधित उत्पादों पर तब तक पुराना सेस मॉडल रहेगा जब तक मुआवज़े का बकाया पूरा नहीं होता।

कौन जीतेगा और कौन हारेगा?

लाभार्थी (Winners)

  • उपभोक्ता – घरेलू वस्तुएँ, बीमा, दवाइयाँ और छोटी कारें सस्ती।
  • किसान – कृषि उपकरण सस्ते।
  • घर खरीदार – सीमेंट पर 18% टैक्स से मकान बनाना सस्ता।
  • एमएसएमई – सरल अनुपालन, वर्किंग कैपिटल पर कम दबाव।

प्रभावित (Losers)

  • लक्ज़री ग्राहक – महँगी कारें व प्रीमियम सेवाएँ 40% पर।
  • फैशन सेक्टर – ₹2,500 से ऊपर के कपड़े अब 18% (पहले 12%)।
  • तंबाकू उद्योग – ज़्यादा टैक्स से खपत घट सकती है।

पुराना जीएसटी बनाम नया जीएसटी (2025)

श्रेणीपुराना जीएसटी (2024 तक)नया जीएसटी 2025
साबुन, टूथपेस्ट, बिस्कुट12%5%
दवाइयाँ व मेडिकल डिवाइस12%5%
स्वास्थ्य/जीवन बीमा18%5%
होटल (₹1,000–₹7,500)12%–18%5%
सीमेंट और निर्माण सामग्री28%18%
छोटी कारें28% + सेस18%
दोपहिया वाहन (साधारण)28%18%
लक्ज़री कारें, एसयूवी28% + सेस (50% तक)40% फ्लैट
तंबाकू व हानिकारक वस्तुएँ28% + सेस40% फ्लैट

निष्कर्ष

भारत का New GST Rate 2025 हाल के समय का सबसे बड़ा कर सुधार है। 5%, 18% और 40% स्लैब से स्पष्टता, सरलता और राहत मिलेगी।

  • आम ज़रूरतें सस्ती होंगी
  • एमएसएमई को सहूलियत मिलेगी
  • महँगाई में गिरावट आएगी
  • नए जीएसटी स्लैब की मुख्य बातें
  • ग्राहकों को फायदा – रोज़मर्रा की चीज़ें, दवाइयाँ, बीमा और घर बनाना सस्ता।
    एमएसएमई को राहत – बिलिंग आसान, टैक्स फाइलिंग में कमी।
    किसानों को लाभ – कृषि उपकरण और इनपुट्स सस्ते।
    विलासिता/हानिकारक क्षेत्र पर बोझ – तंबाकू, शराब, सट्टा और लक्ज़री गाड़ियाँ महँगी।
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हाँ, लक्ज़री और हानिकारक वस्तुएँ महँगी होंगी, लेकिन भारत की अधिकांश जनता को फायदा होगा। त्योहारों की शुरुआत में यह जल्दी दिवाली का तोहफ़ा माना जा रहा है।

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